अयोध्या और मथुरा आदि धार्मिक स्थानों पर जलाये जायेंगे भोपाल में बने दीए

भोपाल. जिले के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए इको फ्रेंडली दीए मथुरा और अयोध्या भेजे जाएंगे. दीपावली के पावन अवसर पर अयोध्या व मथुरा जैसे पावन धाम भोपाल के दीयों से रोशन होंगे. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जानकारी प्रदान की.

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हरियाणा के दो शिक्षण संस्थानों में शुरू होगा वैदिक गणित और व्यक्तित्व विकास पर पाठ्यक्रम

नई दिल्ली. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली ने हरियाणा के जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा अग्रवाल महाविद्यालय के साथ चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास तथा वैदिक गणित के प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु अनुबंध किया गया है.

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बांग्लादेश में हिन्दू नरसंहार पर लगे विराम, विहिप का संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व यूरोपियन यूनियन को पत्र

नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद ने मांग की है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार पर रोक के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन हस्तक्षेप करें. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री व विदेशी मामलों के प्रमुख स्वामी विज्ञानानंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त और यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की कि अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय आयोग बना कर फैक्ट फाइंडिंग मिशन बांग्लादेश भेजा जाए.

तीनों वैश्विक संस्थाओं को लिखे पत्र में स्वामी विज्ञानानंद ने मांग की कि बांग्लादेश में पीड़ित हिन्दुओं के जान-माल, पूजा स्थलों, मंदिरों की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाना चाहिए. यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि अपराधियों को कड़ा दंड और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले. उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश की चुनी हुई सरकार को चुनौती देने वाले जिहादी आपराधिक संगठनों के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तत्काल कार्रवाई करे.

स्वामी विज्ञानानंद ने मांग की कि बांग्लादेश सरकार अपने वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट, 2013 को समाप्त करे. इस तरह के कानून के कारण ही वहां अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा बढ़ रही है. इस कानून के अंतर्गत बांग्लादेश छोड़ कर जाने वालों की संपत्ति पर उनके पड़ोसी कब्जा कर सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव, मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त और यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस बात पर चिंता जताई गई है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार जारी है. वहां 22 से अधिक जिलों में पिछले 10-12 दिनों में हिन्दुओं को निर्ममता से मारा जाना मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है.

विश्व हिन्दू परिषद के अनुसार कट्टरपंथी इस्लामिक जेहादियों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के मन में आतंक पैदा कर दिया है. पवित्र दुर्गा पूजा के दौरान जेहादियों ने पूजा स्थलों में जबरन घुसकर प्रतिमाओं और दूसरे पवित्र प्रतीकों को तहस-नहस कर दिया, मंदिरों में तोड़फोड़ की गई. एक दर्जन हिन्दू मार डाले गए, एक हजार घायल हो गए. हिन्दू महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से उनके परिवारों के सामने ही बलात्कार किया गया. हिन्दुओं की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान लूट लिए गए और आग के हवाले कर दिए गए.

स्वामी विज्ञानानंद ने कहा है कि हिन्दुओं पर हिंसा के दौरान बांग्लादेश पुलिस और कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियां निष्क्रिय रहीं या फिर बहुत देर से हरकत में आईं. पूरी दुनिया देख रही है कि एक सदी से अधिक समय से क्षेत्र में हिन्दुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है और अब लगता है कि उन्हें पूरी तरह से समाप्त करने के षड्यंत्र पर अमल शुरू हो गया है. वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के दौरान पूर्वी बंगाल में 20 लाख हिन्दुओं की हत्या कर दी गई थी. बहुत से भयभीत हिन्दू भागकर भारत आ गए थे. विहिप के अनुसार इसके बाद भी हिन्दुओं के प्रति बर्बरता का खूनी खेल जारी रहा और वर्ष 1950 में 10 लाख हिन्दू मार दिए गए. जान बचाने के लिए लगभग 50 लाख हिन्दू भागकर भारत आ गए. वर्ष 1964 में भी हजारों हिन्दू मौत के घाट उतार दिए गए. तब भी भारत में शरण पाने के लिए बहुत से हिन्दू पहुंचे.

स्वामी विज्ञानानंद ने पत्र में उल्लेख किया है कि वर्ष 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज ने 20 से 30 लाख निर्दोष अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी और चार लाख से अधिक महिलाओं और लड़कियों को रेप के लिए बंदी बना लिया. दुर्भाग्य से स्वतंत्र बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी रहे. वहां हिंसा के मौजूदा दौर पर स्वयं संयुक्त राष्ट्र चिंता जता चुका है और अमेरिका जैसे देशों का ध्यान भी इस ओर गया है. विहिप इस बात से चिंतित है कि 1947 में विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान में स्थित लगभग एक तिहाई हिन्दू जनसंख्या आज बांग्लादेश में घट कर आठ प्रतिशत तक पहुंच गई है. यह सिलसिला जारी रहा, तो आशंका है कि वर्ष 2050 तक वहां हिन्दू आबादी पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.

विहिप मानती है कि बांग्लादेश के हिन्दुओं पर किए जा रहे अत्याचार द्वितीय विश्वयुद्ध में यहूदियों की हत्या और रवांडा में हुए नरसंहार से कहीं बड़ी त्रासदी है. अब इन पर पूर्ण विराम लगाना ही चाहिए.

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कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 10 लाख कार्यकर्ता प्रशिक्षित : सुनील आंबेकर

– 28, 29, 30 अक्तूबर को धारवाड़ ( कर्नाटक) में संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक

– बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार और अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों पर होगी चर्चा

धारवाड़. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था. तीसरी लहर से निपटने के लिए जुलाई माह की बैठक (प्रांत प्रचारक बैठक) में कार्यकर्ताओं के विशेष प्रशिक्षण पर विचार हुआ था. उसके बाद देशभर में 1.5 लाख से अधिक स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हो चुका है तथा 10 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है. आशा है कि तीसरी लहर न हो, लेकिन फिर भी परिस्थिति की समीक्षा के साथ तैयारी को लेकर बैठक में चर्चा होगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक 28 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक धारवाड़ स्थित राष्ट्रोत्थान विद्या केंद्र में आयोजित की गई है. बैठक स्थल पर आयोजित प्रेस वार्ता में सुनील आंबेकर कार्यकारी मंडल की बैठक में चर्चा में आने वाले विषयों के संबंध में जानकारी प्रदान कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में हिन्दुओं पर निरंतर हमले हुए हैं, हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. इन घटनाओं की विश्व भर में निंदा हुई है. कार्यकारी मंडल की बैठक में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर चर्चा होगी, सर्वसम्मत निर्णय होने पर प्रस्ताव भी पारित होने की संभावना है.

देश स्वाधीनता के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अवसर पर देश में अनेक कार्यक्रम होंगे, इसे लेकर भी बैठक में चर्चा होगी. देश के स्व के जागरण, अज्ञात या अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी सबके समक्ष आए, इसे लेकर भी चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष में दो बार इस प्रकार की बैठकों का आयोजन करता है. मार्च में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक होती है. जबकि दशहरे व दीपावली के बीच कार्यकारी मंडल की बैठक होती है. बैठक में करीब 350 सदस्य अपेक्षित हैं. सभी प्रांतों व क्षेत्रों के संघचालक, कार्यवाह एवं प्रचारक तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सहित कुछ संगठनों के अ.भा. संगठन मंत्री बैठक में अपेक्षित हैं.

पिछले वर्ष से लेकर अभी जुलाई तक सारी बैठकें ऑनलाइन माध्यम के साथ ही कम संख्या में प्रत्यक्ष उपस्थिति के साथ संपन्न हुईं थीं. अब पहली बार पूर्ण उपस्थिति में कार्यकारी मंडल की बैठक हो रही है. प्रतिनिधि सभा की बैठक में कार्य विस्तार की दृष्टि से योजना बनाते हैं तथा अक्तूबर में होने वाली बैठक में कार्य की समीक्षा करते हैं. बैठक में समीक्षा के साथ ही कार्य विस्तार को लेकर चर्चा होगी. साथ ही कार्यकर्ताओं के विकास को लेकर भी चर्चा होगी. 28 अक्तूबर, वीरवार को सुबह 09:00 बजे धारवाड़ स्थित राष्ट्रोत्थान विद्या केंद्र में बैठक शुरू होगी. बैठक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होगा.

उन्होंने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना हुई थी, और 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं. संघ के कार्य विस्तार की दृष्टि से विचार किया था और 3 वर्ष की योजना पर कार्य चल रहा है. इस योजना पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा होगी. कार्यकारी मंडल में श्री गुरु तेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक, धारवाड़ (कर्नाटक) प्रेस वार्ता – सुनील आंबेकर जी, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख

जम्मू कश्मीर अधिमिलन – 26 अक्टूबर 1947

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1947- नेहरू के चलते जम्मू-कश्मीर का अधिमिलन खतरे में था, लेकिन सरदार पटेल ने इसको संभव कर दिखाया

सरदार पटेल के लिए कहा जाता है कि वे जम्मू और कश्मीर का भारत में अधिमिलन नहीं चाहते थे। जबकि दस्तावेजों के अनुसार सरदार पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस रियासत को भारत में शामिल करने की पहल की थी। यही नहीं, उन्होंने अधिमिलन को पुख्ता करने के लिए भी हरसंभव प्रयास किये थे। सरदार ने 3 जुलाई, 1947 को महाराजा हरि सिंह को एक पत्र लिखा और खुद को राज्य का एक ईमानदार मित्र एवं शुभचिंतक बताया। साथ ही महाराजा को आश्वासन दिया कि कश्मीर का हित, किसी भी देरी के बिना, भारतीय संघ और उसकी संविधान सभा में शामिल होने में निहित है।

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