श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जयंती – 10 नवंबर 1920

संक्षिप्त परिचय

दत्तात्रेय बापूराव जी को ही दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम से जाना जाता है, वह एक बुद्धिजीवी, संगठनकर्ता, दार्शनिक, विचारक और उत्कृष्ट वक्ता थे। उनका जन्म हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या विक्रम संवत १९७७ अर्थात ग्रेगोरियन कैलेंडर के 10 नवंबर, 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी ग्राम में हुआ था।

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महर्षि वाल्मीकि जयंती – आश्विन शुक्ल पूर्णिमा

आज शायद ही ऐसा कोई भारतीय मिले, जो महर्षि वाल्मीकि के महाकाव्य ‘रामायण’ से परिचित न हो। ‘रामायण’ मानवीय आदर्शो का मार्गदर्शक महाकाव्य है, इसीलिए उसे मानवीयता का पथ-प्रदर्शक आदर्श काव्य माना जाता है। सारे संसार में समादरणीय बने इस महाकाव्य के लिए हर भारतीय अभिमान का अनुभव करे तो कोई आश्चर्य नहीं। संसार भर में सबसे प्राचीन महाकाव्य ‘रामायण’ को आदिकाव्य होने का गौरव प्राप्त होना स्वाभाविक है। इसी कारण भगवान्‌ श्री रामचंद्र के साधना चरित्र से जनता-जनार्दन परिचित हो सकी।

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संत श्री ज्ञानेश्वर जयंती (भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी, 1332 विक्रम संवत)

संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज और सामाजिक समरसता

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क्रांतिकारी राजगुरु की जयंती पर विन्रम श्रद्धांजलि

क्रांतिकारी राजगुरु की जयंती पर विन्रम श्रद्धांजलि

नारद जी सत्य का निडरता से प्रचार करते थे : पद्मश्री उमाशंकर पांडेय

बाँदा. विभिन्न बुद्धिजीवियों द्वारा नारद जयंती कार्यक्रम का आयोजन तुलसी स्वरूप होटल, बाँदा में किया गया, जिसमें बांदा जिले के 80 से अधिक पत्रकार बंधुओ को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित सभी पत्रकारों एवं अन्य अतिथियों द्वारा देवर्षि नारद भगवान को उनके अवतरण दिवस के अवसर पर प्रणाम कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

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