तियानमेन चौक नरसंहार : वामपंथी खूनी इतिहास एवं संविधान विरोधी कृत्यों के सन्दर्भ में

तियानमेन चौक नरसंहार (3–4 जून 1989) वामपंथी अधिनायकवादी विचारधारा की अमानवीय प्रवृत्तियों और उसके छिपे हुए कुटिल उद्देश्यों का एक ज्वलंत प्रतीक है। इस दौरान न केवल हजारों निर्दोष नागरिकों, विशेषकर छात्रों और श्रमिकों, का निर्मम दमन किया गया, बल्कि करोड़ों चीनी नागरिकों के मौलिक संवैधानिक अधिकारों को भी रौंद दिया गया। यह घटना दिखाती है कि जब सत्ता जनभावनाओं से कटकर केवल दमन के बल पर शासन करती है, तो वह रक्तपात और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को कुचलने में भी नहीं चूकती।

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