
धार भोजशाला ASI सर्वे : 54वें दिन खुदाई में स्तंभों के दो पाषाण आधार मिले, सच आएगा सबके सामने

धार भोजशाला ASI सर्वे : 54वें दिन खुदाई में स्तंभों के दो पाषाण आधार मिले, सच आएगा सबके सामने
महात्मा बसवेश्वर का जन्म कर्नाटक में हुआ था। अनेक विषयों का अध्ययन करने के पश्चात् भक्त बसवेश्वर कल्याण के राजा बिज्जल के यहाँ मन्त्री हो गए। उन्होंने उस समय के लिए अभिनन्दनीय प्रयास प्रारम्भ किए। उनके जीवन का सबसे उत्तम तथा श्लाघनीय कार्य यह है कि उन्होंने नव समाज रचना की दृष्टि से ‘अनुभव मण्डप नाम से एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था वाला संघ खड़ा किया। किसी भी जाति के व्यक्ति को इसमें प्रवेश था। महिलाएँ भी इसकी सदस्य हो सकती थीं, किन्तु सदस्यों का सच्चरित्र होना आवश्यक था। ‘अनुभव मण्डप’ का ऐसा नियम था कि व्यक्तियों को जितना न्यूनतम आवश्यकता है उतना ही धन वह लें और शेष धन सामाजिक कार्यों में लगायें। अक्क महादेवी नामक एक योग्य संत कवयित्री भी ‘अनुभव मण्डप’ में थीं।
पढ़ना जारी रखें “भक्ति-भण्डारी बसवेश्वर : (वि.सं. 1188-1224; ई. सन् 1131-1167)”

UP: ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित सेंट मेरीज स्कूल में काटी गई हिन्दू छात्र की शिखा, शिकायत करने गई माँ से भी अभद्रता, नाम काटने की धमकी, तिलक लगाने पर भी डाँटा
चित्रकूट. लव जिहाद में फंसाने के बाद दो मुस्लिम भाइयों ने छात्रा का मतांतरण करा दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित भाइयों व एक की पत्नी के खिलाफ धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम सहित दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पढ़ना जारी रखें “लव जिहाद में फंसा मुस्लिम भाइयों ने किया मतांतरण और दुष्कर्म”

न्यूजक्लिक केस : दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में खुलासा, हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए न्यूजक्लिक ने चीन के पैसों का किया इस्तेमाल, CAA विरोधी हिंसा के दौरान मुसलमानों को हिंसा और दंगों में शामिल होने के लिए उकसाया.



नागपुर. जनार्दन मून और पाशा नामक स्वयंघोषित एक्टिविस्ट द्वारा विगत दिनों नागपुर सिविल लाईन्स स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार परिषद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम का उपयोग करते हुए मनगढ़ंत दावे किए थे. समाज तथा स्वयंसेवकों में संभ्रम निर्माण करने के कृत्य को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत के साथ ही, सीताबर्डी पुलिस थाने में उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ अपराध दर्ज करवाया था. इस आपराधिक मामले को निरस्त करवाने के उद्देश्य से दोनों ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने जनार्दन मून की याचिका खारिज कर दी.
– “संविधान की आत्मा : भारतीय संस्कृति”