इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त करें : दत्तात्रेय होसबाले

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हों।

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अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है – डॉ. मोहन भागवत जी

नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है. विज्ञान में भी और अध्यात्म में भी श्रद्धायुक्त व्यक्ति को ही न्याय मिलता है. अपने साधन एवं ज्ञान का अहंकार जिसके पास होता है, उसे नहीं मिलता है. श्रद्धा में अंधत्व का कोई स्थान नहीं है. जानो और मानो यही श्रद्धा है, परिश्रमपूर्वक मन में धारण की हुई श्रद्धा.

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महावीर लाचित बरफुकन, जन्म तिथि : षष्ठी, कृष्ण पक्ष, मार्गशीर्ष, 1679 – विक्रम संवत् (24 नवंबर, 1622)

पूर्वोत्तर के वीर शिवाजी महावीर लाचित बरफुकन

अपनी असाधारण वीरता के कारण पूर्वोत्तर भारत के ‘वीर शिवाजी’ कहे जाने वाले लाचित बरफुकन 17वीं शताब्दी के एक महान सेनापति और वीर योद्धा थे। असम के अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बरफुकन ने 1667 ई. में मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना को सराईघाट के युद्ध में पराजित कर पूर्वोत्तर में अहोम साम्राज्य को शत्रुओं से संरक्षित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया था।

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कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का नागपुर में हुआ शुभारंभ

नागपुर, 18 नवम्बर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का रेशीमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर के महर्षि व्यास सभागार में उद्घाटन हुआ. इस अवसर पर सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी, अ. भा. सह सेवा प्रमुख एवं वर्ग पालक अधिकारी राजकुमार जी मटाले तथा जोधपुर प्रांत संघचालक एवं सर्वाधिकारी हरदयाल वर्मा जी उपस्थित थे. उन्होंने भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सह सरकार्यवाह द्वय मुकुंदजी और रामदत्त जी भी उपस्थित थे.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर विशाल साहसिक यात्रा का हुआ आयोजन, रायपुर से गजनेर तक निकाली गई यात्रा

पुखरायां. पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समय-समय पर समाज में विभिन्न प्रकार के आयोजन करता रहता है। इसी क्रम में सरवन खेड़ा खंड में साहसिक यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने प्रतिभाग़ किया। साहसिक यात्रा का उद्देश्य जनमानस के माध्यम से विभिन्न प्रकार की पर्यावरण गतिविधियों को प्रारंभ कराया जाना है, साथ ही समाज में पूर्व से संचालित हो रही गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना है।

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हमारा देश अतीत में समृद्ध रहा है और समाज की ताकत से भविष्य में भी समृद्ध होगा : डॉ. मोहन भागवत

पिथौरागढ़, उत्तराखंड. जिले के सीमांत क्षेत्र (मुआनी) में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय के नव निर्मित भवन को आज क्षेत्र की जनता को समर्पित किया. लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर सरसंघचालक जी ने चंदन का पौधा रोपा. सीमांत जनजाति समुदाय ने सरसंघचालक जी का परम्परागत रीति से स्वागत किया.

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विकास की भारतीय अवधारणा समग्र और प्रकृति के तालमेल बनाकर चलने वाली है – डॉ. मोहन भागवत जी

भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन विविभि 2024 का शुभारम्भ

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धर्मयोद्धा : भगवान बिरसा मुंडा

भारत में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों और योद्धाओं की एक दीर्घ परंपरा रही है और स्वतंत्रता संग्राम में उसका अविस्मरणीय योगदान है। इतिहास और राष्ट्रीय संदर्भ में बिरसा मुंडा ऐसा व्यक्तित्व है, जिसने तत्कालीन जनजातीय समाज की परिसीमितता की परिधि को तोड़कर राष्ट्र और धर्म के परिप्रेक्ष्य में ऐसा अमूल्य योगदान दिया जो किसी भी प्रकार से स्वतंत्रता आंदोलन के हमारे अन्य नायकों, विचारकों और चिंतकों के योगदान से कम नहीं है।

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गुरु नानक देव जी की आध्यात्मिक यात्राएँ

गुरु नानक जी की दिव्य आध्यात्मिक यात्राओं को उदासी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक जी दुनिया के दूसरे सबसे अधिक यात्रा करने वाले व्यक्ति हैं। उनकी अधिकांश यात्राएँ उनके साथी भाई मर्दाना जी के साथ पैदल ही की गई थीं। उन्होंने सभी चार दिशाओं – उत्तर, पूर्व, पश्चिम की यात्राओं को एक अभिलेख के रूप में जाता है। वैसे ऐसे भी अभिलेख हैं जो इस बात का संकेत करते है कि गुरु नानक जी ने सबसे अधिक यात्राएं की थी।

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संत नामदेव

संक्षिप्त परिचय

  • संत नामदेव भारत के सांस्कृतिक इतिहास, विशेष रूप से भक्ति परंपरा, के एक केंद्रीय व्यक्तित्व हैं। वे तेरहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में दक्कन के मराठी भाषी क्षेत्र में एक हिंदू परिवार में जन्मे थे।

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