पटना, 8 नवंबर. लोक आस्था के महान पर्व छठ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार जी सम्मिलित हुए. पटना के भद्र घाट में उपस्थित होकर उन्होंने दूध और गंगा जल समर्पित किया.
1984 में सिख विरोधी दंगे
सारांश:
31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या उनके अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने की थी जो सिख समुदाय से थे। यह हत्या ऑपरेशन ब्लू स्टार की प्रतिक्रिया में की गई थी, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा आदेश दिया गया था और जिसमें सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हरमंदिर साहिब पर सिख आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सरकारी बलों द्वारा हमला किया गया था। ऑपरेशन ने सिख भावनाओं को भयानक चोट पहुंचाई, जिसने प्रधान मंत्री की हत्या के लिए उकसावे के रूप में कार्य किया।
भगिनी निवेदिता जयंती – 28 अक्टूबर 1867
संक्षिप्त परिचय
भगिनी निवेदिता का पूर्वनाम था – मार्गरेट एलिज़ाबेथ नोबल। उत्तर आयरलैण्ड के डानगैनन नामक एक छोटे-से शहर में 28 अक्टूबर 1867 को उनका जन्म हुआ। उनके पिता सेमुएल रिचमण्ड नोबल तथा माता का नाम मेरी इसाबेल था। केवल दस वर्ष की आयु में उनके पिता की मृत्यु के उपरान्त अभिभावक का दायित्व-पालन नाना हैमिल्टन ने किया। हैमिल्टन आयरलैण्ड के स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक विशिष्ट नेता थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अखिल भारतीय विविध संगठन प्रचारक वर्ग 31अक्तूबर से 4 नवम्बर तक
ग्वालियर, 26 अक्तूबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रेरित समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रचारक बन्धुओं का वर्ग 31 अक्तूबर से 4 नवम्बर 2024 तक, शुभ दीपावली पर्व पर ग्वालियर, मध्यप्रदेश में आयोजित हो रहा है। इस वर्ग में देश भर से 31 विविध संगठन के कुल 554 प्रचारक सहभागी होनेवाले है। इस वर्ग का स्वरूप प्रशिक्षणात्मक रहेगा।
जम्मू-कश्मीर का भारत में अधिमिलन
भारत का विभाजन और आधिपत्य की समाप्ति – कोई रियासत स्वतंत्र नहीं हो सकती थी
- जब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ तो भारत में स्व-शासन आंदोलन तेजी से प्रगति कर रहा था। 12 मई, 1946 को स्टेट ट्रीटीस एवं पैरामाउंट का ज्ञापन कैबिनेट मिशन द्वारा चैंबर ऑफ प्रिंसेस के चांसलर के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
- इसके बाद, 3 जून, 1947 को माउंटबैटन योजना की घोषणा कर दी गई। इस योजना की एक सलाह यह थी कि 562 रियासतें अपना भविष्य स्वयं तय करने के लिए स्वतंत्र हैं यानि वे भारत अथवा पाकिस्तान में से किसी एक को स्वीकार कर सकती हैं।
आधुनिक विकास के साथ ‘स्व’ आधारित जीवनशैली को अपनाना है : मा. सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले
मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की मथुरा में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शनिवार 26 अक्टूबर को समापन हो गया। दीनदयाल गौविज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, गऊग्राम परखम, मथुरा में आयोजित बैठक के समापन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक-2024 का हुआ शुभारंभ
मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार (25 अक्टूबर) को दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गऊ ग्राम, परखम, फरह के नवधा सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत एवं माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन अर्पित कर किया गया।
पंच परिवर्तनों के साथ शताब्दी वर्ष में कार्य विस्तार करेगा संघ : सुनील जी आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
गऊ ग्राम परखम (मथुरा), 23 अक्तूबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक इस बार मथुरा स्थित गऊ ग्राम परखम के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र पर 25 एवं 26 अक्तूबर को आयोजित हो रही है। बैठक की जानकारी देने के लिए बुधवार को गऊ ग्राम परखम में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आंबेकर ने बताया कि यह बैठक प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों में दीपावली के पूर्व संपन्न होती है।
संघ का मंत्र सामाजिक, तंत्र अपना – लीलाधर
कानपुर। समाज में हम परमपरागत उत्सव मनाते हैं जबकि संघ के उत्सव समाज में मनाए जाने वाले है। संघ का मंत्र सामाजिक है और तंत्र अपना है। हिन्दू समाज में भूलने की प्रवृत्ति है, वह कष्ट और कष्ट के कारणों को भूल जाता है इसलिए विरोध भी नहीं करता है। बार-बार उत्सव मनाने का कारण लोगों को स्मरण कराना है।
संत मीराबाई
मीराबाई जिन्हें राधा का अवतार भी माना जाता है, उनका जन्म संवत 1556-57 या 1498 A.D में, मौजूदा राजस्थान के एक छोटे से राज्य मारवाड़ के मेड़ता में स्थित कुरखी गांव में हुआ था। वह एक महान संत, हिंदू रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण के भक्त के रूप में जानी जाती हैं।
