छत्रपति संभाजीनगर, 23 अगस्त 2025। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारतीय खेती में आधुनिक तकनीक का उचित उपयोग करने के साथ ही पशुपालन सहित मिश्र कृषि अपनाने से किसानों को अधिक लाभ होगा। वैश्विक स्तर पर मौजूद अनिश्चितताओं और चुनौतियों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना अत्यावश्यक है। सरसंघचालक जी ज्येष्ठ पशुवैद्य प्रतिष्ठान के 28वें स्थापना दिवस के अवसर पर छत्रपति संभाजीनगर स्थित तापड़िया नाट्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भीष्मनगर (फर्रुखाबाद) ने कायमगंज और फतेहगढ़ के बाढ़ पीड़ितों में बांटी राहत सामग्री
फर्रुखाबाद(भीष्मनगर) के कायमगंज क्षेत्र में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भीष्मनगर(फर्रुखाबाद) कायमगंज खंड/नगर के स्वयंसेवकों ने मानवता की मिसाल पेश की। संघ के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुँचकर जरूरतमंदों को खाद्यान्न एवं आवश्यक वस्तुओं से भरे राहत पैकेट वितरित किए।
पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम – तन समर्पित मन समर्पित, सुरुचि प्रकाशन, सांय 5:30 बजे से लाइव
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आरएसएस और स्वतंत्रता संग्राम
बौद्धिकों का एक प्रभावशाली समूह, जो मानता है कि भारत का अस्तित्व 15 अगस्त को हुआ था, हमेशा स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका पर सवाल उठाता है। वे इतिहास को छिपाने और यह तस्वीर पेश करने में अधिक रुचि रखते हैं कि आरएसएस कभी भी स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं था। बौद्धिक यह तर्क देने के आदी हो चुके हैं कि स्वतंत्रता महात्मा गांधी और कांग्रेस द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम थी।
आरएसएस ने महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन का बिना शर्त समर्थन किया था : माननीय श्री स्वांत रंजन जी
भारत विश्व का कल्याण चाहने वाला देश है – डॉ. मोहन भागवत जी
सीकर, 12 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत दुनिया में धर्म देने वाला और विश्व का कल्याण चाहने वाला देश है। यहां वेदों में सभी शास्त्र निहित हैं, ऋषियों की तपस्या से राष्ट्र में बल और ओज का संचार हुआ है।
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‘विश्व मूलनिवासी दिवस’ : भारत में प्रासंगिकता या विभाजन का षड्यंत्र?
हर साल 9 अगस्त को ‘विश्व मूलनिवासी दिवस’ दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उन मूलनिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना है, जिन पर उपनिवेशवाद या साम्राज्यवाद के दौरान अमानवीय अत्याचार हुए। परंतु प्रश्न यह है कि क्या यह दिवस भारत के लिए प्रासंगिक है? या इसे भारत के सामाजिक ताने-बाने में फूट डालने के षड्यंत्र के रूप में कुछ शक्तियाँ भुना रही हैं?
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शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज की प्रमुख हस्तियों से संवाद करेगा संघ : सुनील आंबेकर
26, 27, 28 अगस्त को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला
देश के चार महानगरों सहित 1000 से अधिक स्थानों पर गोष्ठियों का होगा आयोजन
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संस्कृत को राजाश्रय के साथ ही जनाश्रय भी मिले – डॉ. मोहन भागवत जी
आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने ‘स्व’ को समझना होगा
नागपुर (01 अगस्त, 2025)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियाँ और देश का नेतृत्व हमें बता रहे हैं कि भारत को अब आत्मनिर्भर बनना चाहिए। हमें अपने बल पर प्रगति करनी होगी। सभी प्रकार के बल में वृद्धि होनी चाहिए। यदि हमें आत्मनिर्भर बनना है, तो हमें अपने स्व को पूरी तरह से समझना होगा।
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पूर्व प्रयत्न और संघ स्थापना
कोलकाता में त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे, बाद में वे दिल्ली आए। जब 1989 में हम लोगों ने डॉ. हेडगेवार जी की जन्मशताब्दी मनाई तो उस समय उनको शताब्दी समिति में लेने के लिए हमारे कार्यकर्ता उनके पास गए थे, उन्होंने सहमति दे दी। तब उन्होंने कहा – 1911 में एक बार डॉ. हेडगेवार मेरे घर आए थे। उस समय डॉ. हेडगेवार ने यह बात कही थी कि दादा लगता है, इस समाज को कुछ ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है और यह ट्रेनिंग देने की फुर्सत किसी को नहीं है, सबने अपना-अपना काम चुन लिया है। मुझे लगता है कि यह काम मुझे ही करना पड़ेगा।