अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है – डॉ. मोहन भागवत जी

नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है. विज्ञान में भी और अध्यात्म में भी श्रद्धायुक्त व्यक्ति को ही न्याय मिलता है. अपने साधन एवं ज्ञान का अहंकार जिसके पास होता है, उसे नहीं मिलता है. श्रद्धा में अंधत्व का कोई स्थान नहीं है. जानो और मानो यही श्रद्धा है, परिश्रमपूर्वक मन में धारण की हुई श्रद्धा.

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कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का नागपुर में हुआ शुभारंभ

नागपुर, 18 नवम्बर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का रेशीमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर के महर्षि व्यास सभागार में उद्घाटन हुआ. इस अवसर पर सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी, अ. भा. सह सेवा प्रमुख एवं वर्ग पालक अधिकारी राजकुमार जी मटाले तथा जोधपुर प्रांत संघचालक एवं सर्वाधिकारी हरदयाल वर्मा जी उपस्थित थे. उन्होंने भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सह सरकार्यवाह द्वय मुकुंदजी और रामदत्त जी भी उपस्थित थे.

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विकास की भारतीय अवधारणा समग्र और प्रकृति के तालमेल बनाकर चलने वाली है – डॉ. मोहन भागवत जी

भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन विविभि 2024 का शुभारम्भ

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सूर्य षष्ठी पर्व में सम्मिलित हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार

पटना, 8 नवंबर. लोक आस्था के महान पर्व छठ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार जी सम्मिलित हुए. पटना के भद्र घाट में उपस्थित होकर उन्होंने दूध और गंगा जल समर्पित किया.

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संघ का मंत्र सामाजिक, तंत्र अपना – लीलाधर

कानपुर। समाज में हम परमपरागत उत्सव मनाते हैं जबकि संघ के उत्सव समाज में मनाए जाने वाले है। संघ का मंत्र सामाजिक है और तंत्र अपना है। हिन्दू समाज में भूलने की प्रवृत्ति है, वह कष्ट और कष्ट के कारणों को भूल जाता है इसलिए विरोध भी नहीं करता है। बार-बार उत्सव मनाने का कारण लोगों को स्मरण कराना है।

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संस्कारवान संगठित हिन्दू समाज का निर्माण ही प्रमुख लक्ष्य – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र का अर्थ है सम्पूर्ण समाज को साथ लेकर चलना. विविधताओं में एकता वाला हमारा देश भारत पूरे विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है. संस्कारवान संगठित हिन्दू समाज का निर्माण ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रमुख उद्देश्य है.

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संघ को समझना है तो शाखा आओ : श्रीराम

कानपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में 6 उत्सव मनाता है, जिसमें से तीन उत्सव सम्पूर्ण समाज को जोड़ने एवं तीन उत्सव शौर्य, वीरता व पराक्रम के प्रतीक हैं। उनमें से विजयादशमी पर्व भी है। इसी दिन डा० हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना हिन्दू समाज को संगठित करने एवं भारत माता का वैभव पुनः स्थापित करने हेतु की थी। यदि किसी को संघ समझना है, तो उसे शाखा आना जरूरी है। हम व्यक्ति पूजा नहीं बल्कि भारत माता की जय जयकार करते हैं। शाखा में खेल-खेल में देश के लिए कार्य करने का भाव जाग्रत होता है।

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सरसंघचालक जी ने गौ विज्ञान परीक्षा के पोस्टर का विमोचन किया, 13 नवंबर को होगी परीक्षा

बारां, 06 अक्तूबर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने रविवार को गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा के पोस्टर का विमोचन किया. यह परीक्षा 13 नवंबर, 2024 को आयोजित होगी.

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संघ केवल संगठन मात्र नहीं, अपितु भारत के नवोत्थान का अभियान है : दत्तात्रेय होसबाले जी

जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने जैसलमेर प्रवास के दौरान बुधवार को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में बलिदानी पूनम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. तत्पश्चात नगर एकत्रीकरण में स्वयंसेवकों के प्रबोधन में कहा कि संघ केवल एक संगठन मात्र नहीं है, अपितु भारत के नवोत्थान एवं सर्वप्रकार के पुनरोदय का महाभियान है. राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश केटी थॉमस ने संघ को परिभाषित करते हुए कहा है – संघ ही भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा और सुरक्षा की गारंटी है. सेना और पुलिस के समान संघ देश का सुरक्षा कवच है. सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश रहे श्री थॉमस के शब्दों से संघ की भूमिका को आसानी से समझा जा सकता है.

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वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन ‘समवेत – 2024’ का हुआ शुभारंभ

समालखा. जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन 20 सितंबर को हरियाणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र, समालखा में गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार पूज्य रमेशभाई ओझा के करकमलों से हुआ.

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