फतेहपुर. सौंरा गांव में अनवारुल उलूम रिजविया मदरसे के नौ वर्षीय छात्र की हत्या का बुधवार को पुलिस ने राजफाश कर दिया। छात्र की हत्या उसको पढ़ाने वाले हाफिज ने कुकर्म करने के बाद की थी। इसके बाद अपने जीजा मौलवी के साथ मिलकर रात के अंधेरे में शव को बोरी में भरकर गांव के बाहर कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपित हाफिज व मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है। एडीजी प्रयागराज भानु भाष्कर ने दोपहर को घटनास्थल का जायजा लिया और आरोपितों से पूछताछ की।
मलवां थाने के सौंरा गांव में मदरसे का संचालन बिहार के पूर्णिया जिले के थाना अनगढ़ के खगजना निवासी हाफिज दिलनवाज पुत्र इसराइल और वहीं के धुसमल गांव निवासी मौलवी रकीमुद्दीन पुत्र सहाबुद्दीन करते हैं। मदरसे में क्षेत्र के 16 बच्चे धार्मिक शिक्षा पाने के लिए आते हैं। इन छात्रों में मृतक छात्र भी शामिल था जो सभी में सबसे छोटा था। 30 जून को मृतक छात्र की मां ने डायल 112 को सूचना दी कि उसका नौ वर्षीय छात्र 29 जून को लापता हो गया है।
30 जून को उसका शव मदरसे के पीछे एक कुएं से बोरी में मिला था। दिवंगत छात्र के हाथ पैर बंधे थे और मुंह में टेप लगा हुआ था। पुलिस ने जांच के दायरे में हाफिज और मौलवी को लिया तो घटना का राज खुलता चला गया। एसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि हाफिज दिलनवाज ने कुकर्म की घटना को तब अंजाम दिया जब सभी बच्चे मदरसे से बाहर जा चुके थे।
हाफिज समझा बुझाकर छात्र को कमरे जैसे गोदाम में ले गया। उसके साथ कुकृत्य करने लगा तो वह चिल्लाने लगा। जिस पर उसने उसका मुंह दबाया तो वह बेहोश होकर गिर गया। इसके बाद वह अपने कमरे में गया और पैजामे का नाड़ा और टेप लेकर आया। बेहोशी की हालत में छात्र के हाथ-पैर बांध दिए और मुंह पर टेप लगा दिया। जिससे उसकी दम घुटने से मौत हो गई। कुकर्म करने वाला हाफिज अविवाहित है जबकि मौलवी शादीशुदा है। मौलवी ने शव को ठिकाने लगाने में मदद की। आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। मदरसे में कुल 15 बच्चे पाए गए, जिसमें एक बच्चा स्थानीय गांव का ही था, जबकि 14 बच्चे बिहार के पूर्णिया व किशनगंज के हैं। सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के अधिकारी ऋषांत कुमार की देखरेख में सौंप दिया गया है।
हाफिज व मौलवी रकीमुद्दीन पोर्न वीडियो देखने का शौकीन है
पुलिस की पूछताछ में आरोपित हाफिज ने स्वीकार किया है कि वह पोर्न वीडियो देखने का शौकीन है। वीडियो देखकर उसके मन में गलत कृत्य करने का विचार आया। वह कई दिनों से योजना बना रहा था। सारे बच्चों के खेलने चले जाने पर किशोर को बहाने से ले गया और उसके साथ घिनौना कृत्य किया।
मदरसे का संचालन किया गया बंद
एसडीएम बिंदकी अर्चना अग्निहोत्री व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत साहू ने मदरसे के बच्चों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही मदरसे का संचालन बंद करा दिया है। जांच के दौरान पाया गया कि मदरसा मस्जिद के पीछे अनाधिकृत रूप से संचालित किया जा रहा था, जिसकी कोई मान्यता नहीं ली गई थी। मदरसे में कुल 15 बच्चे मिले, जिसमें एक बच्चा (दिवंगत) स्थानीय था, जबकि 14 बच्चे बिहार के पूर्णिया व किशनगंज के थे। इन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी राजेंद्र साहू को जिला प्रोबेशन अधिकारी ऋषांत कुमार की देखरेख में सौंप दिया गया है। अब यह बच्चे बाल कल्याण समिति की देखरेख में घर पहुंचाए जाएंगे।
साभार : दैनिक जागरण