जोधपुर. संघ कार्य के सौ वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मातृशक्ति गोष्ठी का आयोजन जोधपुर काजरी के सभागार में किया गया। गोष्ठी में मंच पर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी, मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह जी रहीं। साथ ही प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा जी ने अध्यक्षता की। गोष्ठी में 300 से अधिक प्रबुद्ध महिलाओं ने भाग लिया।
पुष्पार्चन के बाद मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह जी ने आह्वान किया कि वे अपनी शक्ति को पहचाने और उसका सही दिशा में प्रयोग करे। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्कृति का अंधा अनुकरण करने के बजाय हर संस्कृति की अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए, लेकिन मूल में भारत रहे।
मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह जी ने कहा कि भारत की आत्मा का चिंतन और उसे आचरण में लाने की कोशिश ही संघ का मूल है। जैसे घर में माता अपने संतान को उचित शिक्षा देती है, वैसे ही संघ शाखा में व्यक्ति निर्माण का कार्य होता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को जीवन पद्धति बताते हुए कहा कि विविधताओं में एकता भारत की विशेषता है। मातृशक्ति के जागरण से ही समाज सशक्त, समरस और राष्ट्र के प्रति जागरूक बनता है।
गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों यथा चिकित्सा, प्रशासनिक, कला, क्रीड़ा एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी महिलाएं उपस्थित रहीं। सरकार्यवाह जी ने संवाद में संघ कार्य को लेकर जिज्ञासाओं व प्रश्नों के उत्तर दिए। साथ ही मातृशक्ति ने अनेक सुझाव भी दिए।
गोष्ठी में क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री जी, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम जी, राजस्थान प्रान्त प्रचारक विजयानंद जी, राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त कार्यवाहिका डॉ. सुमन रावलोत, प्रांत प्रचारिका ऋतु शर्मा उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. कंचन चारण ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रगीत वंदे मातरम का सुमधुर गायन एडवोकेट दुर्गा चौहान ने किया। गरिमा तिवारी ने अतिथि परिचय करवाया। ‘शून्य से शतक तक’ संघ गीत शैलजा माहेश्वरी ने प्रस्तुत किया। कल्याण मंत्र के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।

