गोधरा नरसंहार की घटना और इससे मिली सीख

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1947- नेहरू के चलते जम्मू-कश्मीर का अधिमिलन खतरे में था, लेकिन सरदार पटेल ने इसको संभव कर दिखाया

सरदार पटेल के लिए कहा जाता है कि वे जम्मू और कश्मीर का भारत में अधिमिलन नहीं चाहते थे। जबकि दस्तावेजों के अनुसार सरदार पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस रियासत को भारत में शामिल करने की पहल की थी। यही नहीं, उन्होंने अधिमिलन को पुख्ता करने के लिए भी हरसंभव प्रयास किये थे। सरदार ने 3 जुलाई, 1947 को महाराजा हरि सिंह को एक पत्र लिखा और खुद को राज्य का एक ईमानदार मित्र एवं शुभचिंतक बताया। साथ ही महाराजा को आश्वासन दिया कि कश्मीर का हित, किसी भी देरी के बिना, भारतीय संघ और उसकी संविधान सभा में शामिल होने में निहित है।

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संगठन के नाते देश की कला और संस्कृति के लिए कार्य करते रहना हमारी श्रद्धांजलि होगी – दत्तात्रेय होसबाले जी

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि श्रद्धेय अमीर चंद जी कला और संस्कृति के लिए आजीवन कार्य करने वाले संस्कार ऋषि व्यक्तित्व थे जो जीवन के अन्त समय तक अपनी कला साधना में लीन रहे. पूरे देश की कला प्रतिभाओं को जोड़ने के काम में महती भूमिका का निर्वाह किया.  पढ़ना जारी रखें “संगठन के नाते देश की कला और संस्कृति के लिए कार्य करते रहना हमारी श्रद्धांजलि होगी – दत्तात्रेय होसबाले जी”