जोधपुर, 07 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के उपरांत 07 सितंबर, 2025 को लालसागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में अ. भा. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने शिक्षा, समाज और राष्ट्रीय जीवन के विविध पहलुओं सहित संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी साझा की।
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समन्वय बैठक में संघ शताब्दी व पंच परिवर्तन सहित शिक्षा नीति तथा जनजातीय क्षेत्रों में सामाजिक विकास होंगे चर्चा के विषय
भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन के साथ समन्वय बैठक आरम्भ
जोधपुर, 5 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं संघ प्रेरित संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारियों की बैठक जोधपुर में आरंभ हुई। प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने आज प्रथम सत्र में भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन किया। तीन दिवसीय बैठक (5–7 सितम्बर) में 32 संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।
समन्वय बैठक में जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर होगी चर्चा : सुनील आम्बेकर जी
जोधपुर, 04 सितम्बर। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर जी ने आज प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलने वाले विभिन्न संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितम्बर 2025 को जोधपुर के लालसागर में आयोजित होगी। बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों के पदाधिकारी तथा महिला कार्यों का समन्वय देखने वाली कार्यकर्ता शामिल होंगी। कुल मिलाकर 320 कार्यकर्ता, बैठक में भाग लेंगे। बैठक में परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा, साथ ही सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी और सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी, सीआर मुकुंद जी, अरुण कुमार जी, रामदत्त चक्रधर जी, अतुल लिमये जी, आलोक कुमार जी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार केवल स्वेच्छा से होना चाहिए, दबाव में नहीं – डॉ. मोहन भागवत जी
संघ का कार्य शुद्ध सात्त्विक प्रेम और समाजनिष्ठा पर आधारित है – सरसंघचालक जी
तीन दिवसीय व्याख्यानमाला ‘100 वर्ष की संघ यात्रा – नए क्षितिज’ का दूसरा दिन
संघ का निर्माण भारत को केंद्र में रखकर हुआ है और इसकी सार्थकता भारत के विश्वगुरु बनने में है – डॉ. मोहन भागवत जी
नई दिल्ली, 26 अगस्त. संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के प्रथम दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ का निर्माण भारत को केंद्र में रखकर हुआ है और इसकी सार्थकता भारत के विश्वगुरु बनने में है। संघ कार्य की प्रेरणा संघ प्रार्थना के अंत में कहे जाने वाले “भारत माता की जय” से मिलती है। संघ के उत्थान की प्रक्रिया धीमी और लंबी रही है, जो आज भी निरंतर जारी है।
जोधपुर में 05, 06, 07 सितम्बर को होगी अखिल भारतीय समन्वय बैठक
इस वर्ष अखिल भारतीय समन्वय बैठक विक्रम संवत् 2082, भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी, चतुर्दशी व पूर्णिमा अर्थात् दिनांक 05, 06 एवं 07 सितम्बर 2025 को राजस्थान के जोधपुर शहर में आयोजित हो रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय यह अखिल भारतीय बैठक प्रतिवर्ष आयोजित होती है। गत वर्ष यह बैठक सितंबर 2024 में पालक्काड (केरल) में संपन्न हुई थी।
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भारतीय कृषि पद्धति और देशी गोवंश पालन से आत्मनिर्भरता हासिल होगी – डॉ. मोहन भागवत जी
छत्रपति संभाजीनगर, 23 अगस्त 2025। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारतीय खेती में आधुनिक तकनीक का उचित उपयोग करने के साथ ही पशुपालन सहित मिश्र कृषि अपनाने से किसानों को अधिक लाभ होगा। वैश्विक स्तर पर मौजूद अनिश्चितताओं और चुनौतियों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना अत्यावश्यक है। सरसंघचालक जी ज्येष्ठ पशुवैद्य प्रतिष्ठान के 28वें स्थापना दिवस के अवसर पर छत्रपति संभाजीनगर स्थित तापड़िया नाट्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
भारत विश्व का कल्याण चाहने वाला देश है – डॉ. मोहन भागवत जी
सीकर, 12 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत दुनिया में धर्म देने वाला और विश्व का कल्याण चाहने वाला देश है। यहां वेदों में सभी शास्त्र निहित हैं, ऋषियों की तपस्या से राष्ट्र में बल और ओज का संचार हुआ है।
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शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज की प्रमुख हस्तियों से संवाद करेगा संघ : सुनील आंबेकर
26, 27, 28 अगस्त को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला
देश के चार महानगरों सहित 1000 से अधिक स्थानों पर गोष्ठियों का होगा आयोजन
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संस्कृत को राजाश्रय के साथ ही जनाश्रय भी मिले – डॉ. मोहन भागवत जी
आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने ‘स्व’ को समझना होगा
नागपुर (01 अगस्त, 2025)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियाँ और देश का नेतृत्व हमें बता रहे हैं कि भारत को अब आत्मनिर्भर बनना चाहिए। हमें अपने बल पर प्रगति करनी होगी। सभी प्रकार के बल में वृद्धि होनी चाहिए। यदि हमें आत्मनिर्भर बनना है, तो हमें अपने स्व को पूरी तरह से समझना होगा।
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