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स्वतंत्रता सेनानी महारानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर माननीय सरकार्यवाह जी का वक्तव्य
भारत की महान महिला स्वतंत्रता सेनानी उल्लाल महारानी अबक्का एक कुशल प्रशासक, अजेय रणनीतिकार और महापराक्रमी शासक थी। उन्होंने उल्लाल संस्थान, दक्षिण कन्नड (कर्नाटक) पर सफलतापूर्वक शासन किया था। उनके जन्म की 500वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनकी अजेय विरासत को ह्रदय से विनम्र श्रद्धासुमन अर्पण करता है।
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले द्वारा अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस – 23 मार्च, 2025, 11.30 बजे से
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले द्वारा अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस
अ. भा. प्र. स. प्रस्ताव – बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े रहने का आह्वान
अखिल भारतीय प्रतिनिधि परिषद (एबीआईपीएस), बेंगलुरु – दूसरा दिन – प्रेस ब्रीफिंग, 12.45 बजे से
अखिल भारतीय प्रतिनिधि परिषद (एबीआईपीएस), बेंगलुरु – दूसरा दिन – प्रेस ब्रीफिंग
प्रेस ब्रीफिंग – अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीआईपीएस) बेंगलुरु का उद्घाटन दिवस
प्रेस ब्रीफिंग – अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीआईपीएस) बेंगलुरु का उद्घाटन दिवस, 9 बजे से
प्रेस ब्रीफिंग – अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीआईपीएस) बेंगलुरु का उद्घाटन दिवस
अ.भा. प्रचार प्रमुख, आरएसएस श्री सुनील आंबेकर जी द्वारा प्रेस ब्रीफिंग- अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा स्थल, बेंगलुरु 12.45 बजे से
अ.भा. प्रचार प्रमुख, आरएसएस श्री सुनील आंबेकर जी द्वारा प्रेस ब्रीफिंग- अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा स्थल, बेंगलुरु 12.45 बजे से
परंपराओं को मूलरूप में जीवित रखने का दायित्व नई पीढ़ी का : अनिल जी
संघ कार्यालय माधव स्मृति भवन में जमकर खेली गई फूलों की होली
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श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी – संक्षिप्त जीवन परिचय
सदाशिव-लक्ष्मीबाई दम्पत्ति का आठवां अपत्य युगाब्द 5007 माघ कृष्ण एकादशी (उत्तर में पौष) मूल नक्षत्र में तदनुसार सन 19 फरवरी 1906 को, सोमवार ब्रह्म मुहूर्त पर नागपुर में मामाजी आबा रायकर के घर में जन्म हुआ। तिथि, नक्षत्र आदि देखकर उस पुत्र का नाम माधव रखा गया।
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जितना भव्य भवन उतना भव्य कार्य खड़ा करना है : डॉ. मोहन भागवत
नई दिल्ली. ‘देश में संघ कार्य गति पकड़ रहा है, व्यापक हो रहा है। आज जिस पुनर्निर्मित भवन का यह प्रवेशोत्सव है उसकी भव्यता के अनुरूप ही हमें संघ कार्य का रूवरूप भव्य बनाना है और हमारे कार्य से उसकी अनुभुति होनी चाहिए। यह कार्य पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।
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अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है – डॉ. मोहन भागवत जी
नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है. विज्ञान में भी और अध्यात्म में भी श्रद्धायुक्त व्यक्ति को ही न्याय मिलता है. अपने साधन एवं ज्ञान का अहंकार जिसके पास होता है, उसे नहीं मिलता है. श्रद्धा में अंधत्व का कोई स्थान नहीं है. जानो और मानो यही श्रद्धा है, परिश्रमपूर्वक मन में धारण की हुई श्रद्धा.
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