कानपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में 6 उत्सव मनाता है, जिसमें से तीन उत्सव सम्पूर्ण समाज को जोड़ने एवं तीन उत्सव शौर्य, वीरता व पराक्रम के प्रतीक हैं। उनमें से विजयादशमी पर्व भी है। इसी दिन डा० हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना हिन्दू समाज को संगठित करने एवं भारत माता का वैभव पुनः स्थापित करने हेतु की थी। यदि किसी को संघ समझना है, तो उसे शाखा आना जरूरी है। हम व्यक्ति पूजा नहीं बल्कि भारत माता की जय जयकार करते हैं। शाखा में खेल-खेल में देश के लिए कार्य करने का भाव जाग्रत होता है।
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प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो
आज के कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि आदरणीय डॉ. कोपिल्लिल राधाकृष्णन जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, मा. सह संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी तथा आत्मीय स्वयंसेवक बन्धु । पढ़ना जारी रखें “प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो”
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी
सरसंघचालक जी ने गौ विज्ञान परीक्षा के पोस्टर का विमोचन किया, 13 नवंबर को होगी परीक्षा
बारां, 06 अक्तूबर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने रविवार को गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा के पोस्टर का विमोचन किया. यह परीक्षा 13 नवंबर, 2024 को आयोजित होगी.
कड़े कानून, त्वरित निर्णय की प्रक्रिया के साथ ही समाज जागरण की आवश्यकता : वी. शांताकुमारी जी
नागपुर, 05 अक्तूबर. राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांताकुमारी जी ने कहा कि महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार और अमानवीय अपराधों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, उसके लिए व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर काम करना होगा. उन्होंने कड़े कानून और त्वरित निर्णय की प्रक्रिया के साथ ही समाज जागरण की आवश्यकता पर भी बल दिया.
नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य व्यक्ति निर्मित होंगे – डॉ. मोहन भागवत जी
सरसंघचालक जी ने प्यारेराम प्राचीन मंदिर के किए दर्शन, स्वयंसेवकों के साथ आंवला, बिल्वपत्र, पीपल आदि के 51 पौधों का किया रोपण
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संघ केवल संगठन मात्र नहीं, अपितु भारत के नवोत्थान का अभियान है : दत्तात्रेय होसबाले जी
जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने जैसलमेर प्रवास के दौरान बुधवार को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में बलिदानी पूनम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. तत्पश्चात नगर एकत्रीकरण में स्वयंसेवकों के प्रबोधन में कहा कि संघ केवल एक संगठन मात्र नहीं है, अपितु भारत के नवोत्थान एवं सर्वप्रकार के पुनरोदय का महाभियान है. राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश केटी थॉमस ने संघ को परिभाषित करते हुए कहा है – संघ ही भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा और सुरक्षा की गारंटी है. सेना और पुलिस के समान संघ देश का सुरक्षा कवच है. सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश रहे श्री थॉमस के शब्दों से संघ की भूमिका को आसानी से समझा जा सकता है.
वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन ‘समवेत – 2024’ का हुआ शुभारंभ
समालखा. जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन 20 सितंबर को हरियाणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र, समालखा में गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार पूज्य रमेशभाई ओझा के करकमलों से हुआ.
धर्म का ज्ञान वेदों से आता है क्योंकि वेदों का मूल सत्य में है- पूजनीय सरसंघचालक जी
हमें छुआछूत के भाव को पूरी तरह मिटा देना है : डॉ. मोहन भागवत
अलवर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए, इसलिए छुआछूत चला. ऊंच-नीच का भाव बढ़ा, हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है. जहां संघ का काम प्रभावी है. संघ की शक्ति है, वहां कम से कम मंदिर, पानी, शमशान सब हिन्दुओं के लिए खुले होंगे, यह काम समाज का मन बदलते हुए करना है. सामाजिक समरसता के माध्यम से परिवर्तन लाना है. उन्होंने स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुम्ब प्रबोधन, स्व का भाव और नागरिक अनुशासन इन पांच विषयों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जब इन बातों को स्वयंसेवक अपने जीवन में उतारेंगे, तब समाज भी इनका अनुसरण करेगा.
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