“हमें अपनी सुरक्षा के मामले में ‘स्व’ निर्भर होना चाहिए” – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर, 05 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय के समापन समारोह में कहा कि “हमें अपनी सुरक्षा के मामले में ‘स्व’ निर्भर होना चाहिए।” और इसके लिए सेना, शासन-प्रशासन के साथ समाज बल आवश्यक है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई कार्रवाई से देश की रक्षा और रक्षात्मक अनुसंधान क्षमताएं सिद्ध हुईं। इस अवसर पर शासन और प्रशासन की दृढ़ता भी दिखी।

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शक्ति हो तो विश्व प्रेम और मंगल की भाषा सुनता है – डॉ. मोहन भागवत जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि दुनिया तब ही आपको सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो। भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है। उसकी भूमिका बड़े भाई की है। भारत विश्व में शांति और सौहार्द के लिए कार्य कर रहा है। सरसंघचालक जी शनिवार को जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आयोजित रविनाथ महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

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21 मार्च से बैंगलुरु में होगी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बताया कि संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस वर्ष बैंगलुरु में 21, 22 एवं 23 मार्च 2025 को आयोजित हो रही है। संघ की कार्य पद्धति में यह निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है तथा इसका आयोजन प्रतिवर्ष होता है। यह बैठक बैंगलुरु के चन्नेनहल्ली में स्थित जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में होगी।

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जितना भव्य भवन उतना भव्य कार्य खड़ा करना है : डॉ. मोहन भागवत

नई दिल्ली. ‘देश में संघ कार्य गति पकड़ रहा है, व्यापक हो रहा है। आज जिस पुनर्निर्मित भवन का यह प्रवेशोत्सव है उसकी भव्यता के अनुरूप ही हमें संघ कार्य का रूवरूप भव्य बनाना है और हमारे कार्य से उसकी अनुभुति होनी चाहिए। यह कार्य पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक-2024 का हुआ शुभारंभ

मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार (25 अक्टूबर) को दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गऊ ग्राम, परखम, फरह के नवधा सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत एवं माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन अर्पित कर किया गया।

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प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो

आज के कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि आदरणीय डॉ. कोपिल्लिल राधाकृष्णन जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, मा. सह संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी तथा आत्मीय स्वयंसेवक बन्धु । पढ़ना जारी रखें “प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो”

नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य व्यक्ति निर्मित होंगे – डॉ. मोहन भागवत जी

सरसंघचालक जी ने प्यारेराम प्राचीन मंदिर के किए दर्शन, स्वयंसेवकों के साथ आंवला, बिल्वपत्र, पीपल आदि के 51 पौधों का किया रोपण

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धर्म का ज्ञान वेदों से आता है क्‍योंकि वेदों का मूल सत्‍य में है- पूजनीय सरसंघचालक जी

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डॉ. मोहन भागवत ने धरमपेठ महिला स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी सभागार में श्री गुरुजी के तैलचित्र का किया अनावरण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि पूज्य गुरुजी के सारे काम धर्म के विश्लेषण से चलते थे, संघ का काम भी उसी प्रकार से चलता है. अपना समाज संगठित ही रहना चाहिये. आपसी सहयोग से हमें समर्थ होना पड़ेगा और समाज को भी समर्थ बनाना पड़ेगा. हम जो कुछ करते हैं, वह धर्म है. उसे निष्ठा और प्रामाणिकता से स्वीकारना होगा.

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‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ : डॉ. मोहन भागवत

पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान में विश्व विभिन्न मार्गों पर लड़खड़ा रहा है, रुका हुआ है. उसे भारत की परंपराओं से प्राप्त ज्ञान की आवश्यकता है. वह हमारे ज्ञान, भक्ति और कर्म के त्रिवेणी संगम से दिखा सकते हैं. वह दृष्टि देने का कार्य डॉ. देगलूरकर के ग्रंथ के माध्यम से हुआ है. ‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ ग्रंथ विवेक जगाने वाला ग्रंथ है.

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