कोलकाता में त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे, बाद में वे दिल्ली आए। जब 1989 में हम लोगों ने डॉ. हेडगेवार जी की जन्मशताब्दी मनाई तो उस समय उनको शताब्दी समिति में लेने के लिए हमारे कार्यकर्ता उनके पास गए थे, उन्होंने सहमति दे दी। तब उन्होंने कहा – 1911 में एक बार डॉ. हेडगेवार मेरे घर आए थे। उस समय डॉ. हेडगेवार ने यह बात कही थी कि दादा लगता है, इस समाज को कुछ ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है और यह ट्रेनिंग देने की फुर्सत किसी को नहीं है, सबने अपना-अपना काम चुन लिया है। मुझे लगता है कि यह काम मुझे ही करना पड़ेगा।
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भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु बलिदान दिवस
भगत सिंह का संक्षिप्त परिचय
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ। पढ़ाई के दौरान उनका संपर्क जुगल किशोर, भाई परमानन्द और जयचंद विद्यालंकार हुआ। साल 1923 में घर छोड़कर कानपुर चले गए। भगत सिंह हिंदी, उर्दू और पंजाबी तीनों भाषाओं के अच्छे जानकार थे। पंजाबी पत्रिका कीर्ति (अमृतसर), उर्दू में ‘अकाली और चाँद’ में उनके कई लेख प्रकाशित हुए। कानपुर में अपना नाम ‘बलवंत सिंह’ बदलकर गणेश शंकर विद्यार्थी के समाचार पत्र दैनिक ‘प्रताप’ के संपादन विभाग में काम किया। पुलिस की सक्रियता बढ़ने लगी और वह अलीगढ के एक स्कूल में पढ़ाने लगे।
कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का नागपुर में हुआ शुभारंभ
नागपुर, 18 नवम्बर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय (विशेष) का रेशीमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर के महर्षि व्यास सभागार में उद्घाटन हुआ. इस अवसर पर सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी, अ. भा. सह सेवा प्रमुख एवं वर्ग पालक अधिकारी राजकुमार जी मटाले तथा जोधपुर प्रांत संघचालक एवं सर्वाधिकारी हरदयाल वर्मा जी उपस्थित थे. उन्होंने भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सह सरकार्यवाह द्वय मुकुंदजी और रामदत्त जी भी उपस्थित थे.
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