झांसी। पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वसनीयता कम हो रही है और विश्वास के बिना समाज,देश , दुनिया का चलना संभव नहीं है। श्रृद्धा जगाने का काम प्रोफेशन वाला नहीं कर सकता। पत्रकारिता एक मिशन हुआ करता था, जो कि अब प्रोफेशन बन गया है। यह विचार देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक सुभाष जी ने व्यक्त किए। वहीं मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने कहा कि जल है तो कल है। अब जल और पर्यावरण पर भी पत्रकारिता आवश्यक है।
पढ़ना जारी रखें “सार्थक संवाद ही पत्रकारिता का मूल मंत्र : सुभाष जी”