मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की मथुरा में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शनिवार 26 अक्टूबर को समापन हो गया। दीनदयाल गौविज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, गऊग्राम परखम, मथुरा में आयोजित बैठक के समापन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक-2024 का हुआ शुभारंभ
मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार (25 अक्टूबर) को दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गऊ ग्राम, परखम, फरह के नवधा सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत एवं माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन अर्पित कर किया गया।
पंच परिवर्तनों के साथ शताब्दी वर्ष में कार्य विस्तार करेगा संघ : सुनील जी आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
गऊ ग्राम परखम (मथुरा), 23 अक्तूबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक इस बार मथुरा स्थित गऊ ग्राम परखम के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र पर 25 एवं 26 अक्तूबर को आयोजित हो रही है। बैठक की जानकारी देने के लिए बुधवार को गऊ ग्राम परखम में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आंबेकर ने बताया कि यह बैठक प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों में दीपावली के पूर्व संपन्न होती है।
संघ का मंत्र सामाजिक, तंत्र अपना – लीलाधर
कानपुर। समाज में हम परमपरागत उत्सव मनाते हैं जबकि संघ के उत्सव समाज में मनाए जाने वाले है। संघ का मंत्र सामाजिक है और तंत्र अपना है। हिन्दू समाज में भूलने की प्रवृत्ति है, वह कष्ट और कष्ट के कारणों को भूल जाता है इसलिए विरोध भी नहीं करता है। बार-बार उत्सव मनाने का कारण लोगों को स्मरण कराना है।
स्वयंसेवकों का शारीरिक, मानसिक, नैतिक व चारित्रिक विकास करती हैं शाखाएं : रामकेश जी
संघ को समझना है तो शाखा आओ : श्रीराम
कानपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में 6 उत्सव मनाता है, जिसमें से तीन उत्सव सम्पूर्ण समाज को जोड़ने एवं तीन उत्सव शौर्य, वीरता व पराक्रम के प्रतीक हैं। उनमें से विजयादशमी पर्व भी है। इसी दिन डा० हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना हिन्दू समाज को संगठित करने एवं भारत माता का वैभव पुनः स्थापित करने हेतु की थी। यदि किसी को संघ समझना है, तो उसे शाखा आना जरूरी है। हम व्यक्ति पूजा नहीं बल्कि भारत माता की जय जयकार करते हैं। शाखा में खेल-खेल में देश के लिए कार्य करने का भाव जाग्रत होता है।
प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो
आज के कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि आदरणीय डॉ. कोपिल्लिल राधाकृष्णन जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, मा. सह संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी तथा आत्मीय स्वयंसेवक बन्धु । पढ़ना जारी रखें “प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो”
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी
नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य व्यक्ति निर्मित होंगे – डॉ. मोहन भागवत जी
सरसंघचालक जी ने प्यारेराम प्राचीन मंदिर के किए दर्शन, स्वयंसेवकों के साथ आंवला, बिल्वपत्र, पीपल आदि के 51 पौधों का किया रोपण
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संघ केवल संगठन मात्र नहीं, अपितु भारत के नवोत्थान का अभियान है : दत्तात्रेय होसबाले जी
जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने जैसलमेर प्रवास के दौरान बुधवार को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में बलिदानी पूनम सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. तत्पश्चात नगर एकत्रीकरण में स्वयंसेवकों के प्रबोधन में कहा कि संघ केवल एक संगठन मात्र नहीं है, अपितु भारत के नवोत्थान एवं सर्वप्रकार के पुनरोदय का महाभियान है. राष्ट्र जीवन का महत्वपूर्ण आंदोलन है. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश केटी थॉमस ने संघ को परिभाषित करते हुए कहा है – संघ ही भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा और सुरक्षा की गारंटी है. सेना और पुलिस के समान संघ देश का सुरक्षा कवच है. सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश रहे श्री थॉमस के शब्दों से संघ की भूमिका को आसानी से समझा जा सकता है.