26, 27, 28 अगस्त को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला
देश के चार महानगरों सहित 1000 से अधिक स्थानों पर गोष्ठियों का होगा आयोजन
पढ़ना जारी रखें “शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज की प्रमुख हस्तियों से संवाद करेगा संघ : सुनील आंबेकर”
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देश के चार महानगरों सहित 1000 से अधिक स्थानों पर गोष्ठियों का होगा आयोजन
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आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने ‘स्व’ को समझना होगा
नागपुर (01 अगस्त, 2025)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियाँ और देश का नेतृत्व हमें बता रहे हैं कि भारत को अब आत्मनिर्भर बनना चाहिए। हमें अपने बल पर प्रगति करनी होगी। सभी प्रकार के बल में वृद्धि होनी चाहिए। यदि हमें आत्मनिर्भर बनना है, तो हमें अपने स्व को पूरी तरह से समझना होगा।
पढ़ना जारी रखें “संस्कृत को राजाश्रय के साथ ही जनाश्रय भी मिले – डॉ. मोहन भागवत जी”
नई दिल्ली. भारतीय मज़दूर संघ (BMS) ने अपने 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्षभर चले आयोजनों की श्रृंखला का भव्य समापन समारोह 23 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के के.डी. जाधव कुश्ती हॉल, इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, विशिष्ठ अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया एवं अध्यक्षता बीएमएस अध्यक्ष हिरानमय पांडेय द्वारा की गई।
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देशभर में 58964 मंडल, 4455 बस्तियों में आयोजित होंगे हिन्दू सम्मेलन
केशव कुंज दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (04, 05, 06 जुलाई 2025) रविवार को संपन्न हुई। आज केशव कुंज में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने बैठक के संबंध में जानकारी प्रदान की। बैठक में पूजनीय सरसंघचालक जी, माननीय सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ।
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नई दिल्ली, 03 जुलाई 2025। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन केशव कुंज (दिल्ली) में 04 से 06 जुलाई तक होने वाला है। बैठक में मुख्यतः संगठनात्मक विषयों पर चर्चा होगी। यह बैठक कोई निर्णय लेने वाली बैठक नहीं है। प्रांतों में संगठन के कार्य की प्रगति व अनुभवों पर चर्चा होती है। कार्य विभागों के कार्य को लेकर भी चर्चा होती है। बैठक में पूजनीय सरसंघचालक, माननीय सरकार्यवाह की उपस्थिति रहती है। उनका मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त होता है। बैठक में सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे।
नागपुर, 05 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय के समापन समारोह में कहा कि “हमें अपनी सुरक्षा के मामले में ‘स्व’ निर्भर होना चाहिए।” और इसके लिए सेना, शासन-प्रशासन के साथ समाज बल आवश्यक है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई कार्रवाई से देश की रक्षा और रक्षात्मक अनुसंधान क्षमताएं सिद्ध हुईं। इस अवसर पर शासन और प्रशासन की दृढ़ता भी दिखी।
पढ़ना जारी रखें ““हमें अपनी सुरक्षा के मामले में ‘स्व’ निर्भर होना चाहिए” – डॉ. मोहन भागवत जी”
कानपुर. भारत में पत्रकारिता नाम नहीं था। यहां संदेश संप्रेषण शब्द का प्रयोग किया जाता था। आज पत्रकारिता का एक उद्देश्य है। पत्रकार एक योद्धा है, पत्रकार एक साधक है। पत्रकार बिकता नहीं है, पत्रकार ठहरता नहीं है। जो तमस को चीर कर प्रकाश लाता है, वही पत्रकार है। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने विश्व संवाद केंद्र, कानपुर द्वारा बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, कानपुर में आयोजित नारद जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
पढ़ना जारी रखें “तमस को चीर कर प्रकाश लाने वाला ही पत्रकार है: सुभाष जी”
जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि दुनिया तब ही आपको सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो। भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है। उसकी भूमिका बड़े भाई की है। भारत विश्व में शांति और सौहार्द के लिए कार्य कर रहा है। सरसंघचालक जी शनिवार को जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आयोजित रविनाथ महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
पढ़ना जारी रखें “शक्ति हो तो विश्व प्रेम और मंगल की भाषा सुनता है – डॉ. मोहन भागवत जी”
नागपुर, 30 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागपुर स्थित माधव नेत्रालय चैरिटेबल ट्रस्ट के माधव नेत्रालय के नए प्रीमियर सेन्टर के शिलान्यास समारोह में कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने निराशा में डूबे भारतीय समाज को झकझोरा, उसके स्वरूप की याद दिलाई, आत्मविश्वास का संचार किया और राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया।
डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में प्रतिपदा के दिन हुआ था। वर्ष प्रतिपदा को महाराष्ट्र में ‘गुड़ीपड़वा’ के नाम से जाना जाता है। ‘यह दिन हिंदू मन, हृदय और विवेक को भारत के इतिहास के घटनाचक्र, राष्ट्र की अस्मिता, सांस्कृतिक परंपराओं एवं वीर तथा वैभवशाली पूर्वजों की विरासत का यशस्वी बोध कराता है’।[1]