मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार (25 अक्टूबर) को दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गऊ ग्राम, परखम, फरह के नवधा सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत एवं माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन अर्पित कर किया गया।
टैग: डॉ. मोहन भागवत
प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो
आज के कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि आदरणीय डॉ. कोपिल्लिल राधाकृष्णन जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, मा. सह संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी तथा आत्मीय स्वयंसेवक बन्धु । पढ़ना जारी रखें “प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो”
नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य व्यक्ति निर्मित होंगे – डॉ. मोहन भागवत जी
सरसंघचालक जी ने प्यारेराम प्राचीन मंदिर के किए दर्शन, स्वयंसेवकों के साथ आंवला, बिल्वपत्र, पीपल आदि के 51 पौधों का किया रोपण
पढ़ना जारी रखें “नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य व्यक्ति निर्मित होंगे – डॉ. मोहन भागवत जी”
धर्म का ज्ञान वेदों से आता है क्योंकि वेदों का मूल सत्य में है- पूजनीय सरसंघचालक जी
डॉ. मोहन भागवत ने धरमपेठ महिला स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी सभागार में श्री गुरुजी के तैलचित्र का किया अनावरण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि पूज्य गुरुजी के सारे काम धर्म के विश्लेषण से चलते थे, संघ का काम भी उसी प्रकार से चलता है. अपना समाज संगठित ही रहना चाहिये. आपसी सहयोग से हमें समर्थ होना पड़ेगा और समाज को भी समर्थ बनाना पड़ेगा. हम जो कुछ करते हैं, वह धर्म है. उसे निष्ठा और प्रामाणिकता से स्वीकारना होगा.
‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ : डॉ. मोहन भागवत
पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वर्तमान में विश्व विभिन्न मार्गों पर लड़खड़ा रहा है, रुका हुआ है. उसे भारत की परंपराओं से प्राप्त ज्ञान की आवश्यकता है. वह हमारे ज्ञान, भक्ति और कर्म के त्रिवेणी संगम से दिखा सकते हैं. वह दृष्टि देने का कार्य डॉ. देगलूरकर के ग्रंथ के माध्यम से हुआ है. ‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ ग्रंथ विवेक जगाने वाला ग्रंथ है.
पढ़ना जारी रखें “‘अथातो बिंब जिज्ञासा’ विवेक जगाने वाला ग्रंथ : डॉ. मोहन भागवत”
