गऊ ग्राम परखम (मथुरा), 23 अक्तूबर 2024. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक इस बार मथुरा स्थित गऊ ग्राम परखम के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र पर 25 एवं 26 अक्तूबर को आयोजित हो रही है। बैठक की जानकारी देने के लिए बुधवार को गऊ ग्राम परखम में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आंबेकर ने बताया कि यह बैठक प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों में दीपावली के पूर्व संपन्न होती है।
संघ का मंत्र सामाजिक, तंत्र अपना – लीलाधर
कानपुर। समाज में हम परमपरागत उत्सव मनाते हैं जबकि संघ के उत्सव समाज में मनाए जाने वाले है। संघ का मंत्र सामाजिक है और तंत्र अपना है। हिन्दू समाज में भूलने की प्रवृत्ति है, वह कष्ट और कष्ट के कारणों को भूल जाता है इसलिए विरोध भी नहीं करता है। बार-बार उत्सव मनाने का कारण लोगों को स्मरण कराना है।
संत मीराबाई
मीराबाई जिन्हें राधा का अवतार भी माना जाता है, उनका जन्म संवत 1556-57 या 1498 A.D में, मौजूदा राजस्थान के एक छोटे से राज्य मारवाड़ के मेड़ता में स्थित कुरखी गांव में हुआ था। वह एक महान संत, हिंदू रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण के भक्त के रूप में जानी जाती हैं।
महर्षि वाल्मीकि जयंती – आश्विन शुक्ल पूर्णिमा
आज शायद ही ऐसा कोई भारतीय मिले, जो महर्षि वाल्मीकि के महाकाव्य ‘रामायण’ से परिचित न हो। ‘रामायण’ मानवीय आदर्शो का मार्गदर्शक महाकाव्य है, इसीलिए उसे मानवीयता का पथ-प्रदर्शक आदर्श काव्य माना जाता है। सारे संसार में समादरणीय बने इस महाकाव्य के लिए हर भारतीय अभिमान का अनुभव करे तो कोई आश्चर्य नहीं। संसार भर में सबसे प्राचीन महाकाव्य ‘रामायण’ को आदिकाव्य होने का गौरव प्राप्त होना स्वाभाविक है। इसी कारण भगवान् श्री रामचंद्र के साधना चरित्र से जनता-जनार्दन परिचित हो सकी।
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संस्कारवान संगठित हिन्दू समाज का निर्माण ही प्रमुख लक्ष्य – डॉ. कृष्ण गोपाल जी
जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र का अर्थ है सम्पूर्ण समाज को साथ लेकर चलना. विविधताओं में एकता वाला हमारा देश भारत पूरे विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है. संस्कारवान संगठित हिन्दू समाज का निर्माण ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रमुख उद्देश्य है.
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स्वयंसेवकों का शारीरिक, मानसिक, नैतिक व चारित्रिक विकास करती हैं शाखाएं : रामकेश जी
संघ को समझना है तो शाखा आओ : श्रीराम
कानपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में 6 उत्सव मनाता है, जिसमें से तीन उत्सव सम्पूर्ण समाज को जोड़ने एवं तीन उत्सव शौर्य, वीरता व पराक्रम के प्रतीक हैं। उनमें से विजयादशमी पर्व भी है। इसी दिन डा० हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना हिन्दू समाज को संगठित करने एवं भारत माता का वैभव पुनः स्थापित करने हेतु की थी। यदि किसी को संघ समझना है, तो उसे शाखा आना जरूरी है। हम व्यक्ति पूजा नहीं बल्कि भारत माता की जय जयकार करते हैं। शाखा में खेल-खेल में देश के लिए कार्य करने का भाव जाग्रत होता है।
प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो
आज के कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि आदरणीय डॉ. कोपिल्लिल राधाकृष्णन जी, मंच पर उपस्थित विदर्भ प्रांत के मा. संघचालक, मा. सह संघचालक, नागपुर महानगर के मा. संघचालक, अन्य अधिकारी गण, नागरिक सज्जन, माता भगिनी तथा आत्मीय स्वयंसेवक बन्धु । पढ़ना जारी रखें “प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी उत्सव-2024 के अवसर पर दिया गया उद्बोधन एवं सम्पूर्ण वीडियो”
दिवेर विजय ने मुगल आक्रांताओं के विरुद्ध झंडा थामे नायकों में प्रेरणा का संचार किया था – अरुण कुमार
उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि दिवेर विजय सिर्फ मेवाड़ के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं थी, बल्कि यह भारत की विजय का शुभारंभ था. इस विजय ने भारतवर्ष में उन सभी नायकों में प्रेरणा का संचार किया, जो मुगल आक्रांताओं के विरुद्ध झंडा थामे हुए थे. यही वह समय था, जब भारत ने अपना शौर्यपूर्ण स्वाभिमान पुनः स्थापित करने की शुरुआत की. सह सरकार्यवाह सोमवार सायं प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में एक माह से चल रहे दिवेर विजय महोत्सव के समापन समारोह में संबोधित कर रहे थे.
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी
भारत में भारत के लिए जिम्मेदार समाज कौन सा है – पू. सरसंघचालक जी